तग़ाफ़ुल[1]-दोस्त हूँ, मेरा दिमाग़-ए-अ़जज़[2] आ़ली[3] है
अगर पहलू-तही[4] कीजे, तो जा[5] मेरी भी ख़ाली है

रहा आबाद आ़लम, अहल-ए हिम्मत[6] के न होने से
भरे हैं जिस क़दर जाम-ओ-सुबू[7] मैख़ाना ख़ाली है

शब्दार्थ:
  1. बेपरवाही
  2. घमण्ड की कमज़ोरी
  3. बड़ी
  4. एक तरफ हटाना
  5. जगह
  6. बहादुर लोग
  7. प्याला और सुराही
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