हूँ मैं भी तमाशाई-ए-नैरंग-ए-तमन्ना[1]
मतलब नहीं कुछ इस से कि मतलब ही बर[2] आवे
सियाही जैसे गिर जावे दम-ए-तहरीर[3] काग़ज़ पर
मेरी क़िस्मत में यूँ तस्वीर है शब-हाए-हिज़रां[4] की
शब्दार्थ:
- ↑ कामना के इंद्रजाल का तमाशा देखने वाला
- ↑ पूरा हो
- ↑ लिखने के वक्त
- ↑ जुदाई की रातें