राम हि राम बस राम हि राम ।
और नाहि काहू से काम।
राम हि राम बस ...

तन में राम तेरे मन में राम ।
मुख में राम वचन में राम ।
जब बोले तब राम हि राम ।
और नाहि काहू से काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।।

जागत सोवत आठहु याम ।
नैन लखें शोभा को धाम ।
ज्योति स्वरूप राम को नाम ।
और नाहि काहू से काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।।

कीर्तन भजन मनन में राम ।
ध्यान जाप सिमरन में राम ।
मन के अधिष्ठान में राम ।
और नाहिं काहू सो काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।

सब दिन रात सुबह और शाम ।
बिहरे मन मधुबन में राम ।
परमानन्द शान्ति सुख धाम ।
और नाहि काहू से काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।

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