पारसमणी

पुराने जमाने में पंढरपुर में एक भक्त ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी कमला भी बड़ी पतिव्रता थी। वे स्त्री-पुरुष दोनों रोज बड़ी भक्ति के साथ देवी रुक्मिणी की पूजा करते थे। देवी ने उनको पारस पत्थर दिया। उस पत्थर का प्रभाव ऐसा था कि जो चीज़ उससे छू जाती तुरन्त सोना बन नाती । अब उस ब्राह्मण को किस चीज की कमी हो सकती थी! उसके दिन आराम गुजरने लगे।

बनारसी बाबु हम बेच्यु के छात्र हैं.....हमें पढने का शौक हैं और पढ़ी हुई कहानियाँ सुनाना हमारा पेशा हैं...! कभी आओ अस्सी घाट....बैठकर खूब बाते करेंगे...और बढ़िया वाली लेमन टी पियेंगे.
Comments
Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel