ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार कुछ विशेष प्रकार की घटनाएं होती हैं जिनसे साढ़े साती चालू होने के संकेत मिलते हैं। इस दौरान असामान्य घटानाओं से आभास हो सकता है कि अवधि चालू है। ज्योतिषाचार्य इसके प्रभाव से बचने हेतु कई उपाय बताते हैं:

कहते हैं कि शिव की उपासना करने वालों को इससे राहत मिलती है। अत: नियमित रूप से शिवलिंग की पूजा व अराधना करनी चाहिए। पीपल वृक्ष शिव का रूप माना जाता है, वैसे इसमें सभी देवताओं का निवास मानते हैं, अतः पीपल को अर्घ्र देने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। अनुराधा नक्षत्र में अमावस्या हो और शनिवार का योग हो, उस दिन तेल, तिल सहित विधि पूर्वक पीपल वृक्ष की पूजा करने से मुक्ति मिलती है। शनिदेव की प्रसन्नता हेतु शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। इसके अलावा हनुमान जी को भी रुद्रावतार माना जाता है। अतः उनकी आराधना भी इसके निवारण हेतु फ़लदायी होती है। मान्यता अनुसार नाव के तले में लगी कील और काले घोड़े का नाल भी इसमें सार्थक उपाय होते हैं। इनकी अंगूठी बनवाकर धारण कर सकते हैं। शनि से संबंधित वस्तुएं, जैसे लोहे से बने बर्तन, काला कपड़ा, सरसों का तेल, चमड़े के जूते, काला सुरमा, काले चने, काले तिल, उड़द की साबूत दाल, आदि शनिवार के दिन दान करने से एवं काले वस्त्र एवं काली वस्तुओं का उपयोग करने से शनि की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इसके अलावा अन्य उपाय भी बताये जाते हैं। शनि की दशा से बचने हेतु किसी योग्य पंडित से महामृत्युंजय मंत्र द्वारा शिव का अभिषेक कराएं तो भी मुक्ति मिलना संभव होता है।

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel